वित्तीय वर्ष 2023-2024 में भारत में INCOME TAX कैसे बचाएं?INCOME TAX SAVING IN 2023-24

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वित्तीय वर्ष 2023-2024 में भारत में INCOME TAX कैसे बचाएं:

क्या आप वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए भारत में INCOME TAX बचाने के प्रभावी तरीकों की तलाश कर रहे हैं? कर कानूनों को समझने और उपलब्ध कटौती और छूट का उपयोग करने से आपको अपनी कर योजना को अनुकूलित करने और अपनी TAX DEDUCTION कम करने में मदद मिल सकती है। इस लेख में, हम भारत में INCOME TAX बचाने के लिए विभिन्न रणनीतियों और तरीकों पर चर्चा करेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि आप INCOME TAX ACT द्वारा प्रदान किए गए अवसरों का अधिकतम लाभ उठाएं।

INTRODUCTION

INCOME TAX भारत में प्रत्येक व्यक्ति के लिए वित्तीय जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण पहलू है। INCOME TAX SLAB की स्पष्ट समझ और उपलब्ध कटौती और छूट का उपयोग करके, आप अपने TAX के बोझ को काफी कम कर सकते हैं और अपनी मेहनत की कमाई को अधिक बनाए रख सकते हैं।

भारत में INCOME TAX को समझना

INCOME TAX भारत सरकार द्वारा व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF), partnerships, companies, और अन्य संस्थाओं पर लगाया जाने वाला DIRECT TAX है। इसकी गणना एक विशिष्ट वित्तीय वर्ष के दौरान अर्जित आय के आधार पर की जाती है, जो अगले वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलती है।

वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए Income Tax Slabs:

वर्तमान में, दो अलग-अलग आयकर व्यवस्थाएं (Income Tax regimes) हैं। नई व्यवस्था (new regime)और पुरानी व्यवस्था(old regime) दोनों के तहत, taxpayers कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। प्रभावी रूप से अपनी tax saving रणनीतियों की योजना बनाने के लिए, वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए Income Tax Slabs को समझना आवश्यक है। Income Tax Slabs आपकी आय के आधार पर लागू टैक्स दरों का निर्धारण करते हैं।

आइए new tax regime के अनुसार व्यक्तियों के लिए income tax slab पर एक नज़र डालें:

Up to Rs.3 lakh 0% (Nil)

Rs 3 lakh to 6 lakh 5%

Rs 6 lakh to 9 lakh 10%

Rs 9 lakh to Rs 12 lakh 15%

Rs 12 lakh to Rs 15 lakh 20% Above

Rs 15 lakh 30%

Old tax regime के अनुसार व्यक्तियों के लिए income tax slab :

Up to Rs.2.5 lakh Nil

Above Rs.2.50 lakh – Rs.5.00 lakh 5% of the total income that is more than Rs.2.5 lakh + 4% cess Above

Rs.5 lakh – Rs.10 lakh 20% of the total income that is more than Rs.5 lakh + Rs.12,500 + 4% cess Above

Rs.10 lakh 30% of the total income that is more than Rs.10 lakh + Rs.1,12,500 + 4% cess

TAX DEDUCTION और EXEMPTION का उपयोग :

अपनी कर देयता (TAX LIABILITY) को कम करने के लिए, आयकर अधिनियम द्वारा प्रदान की गई कटौतियों और छूटों का लाभ उठाना महत्वपूर्ण है। ये प्रावधान आपकी TAXABLE INCOME को कम करने में मदद करते हैं, जिससे आपके समग्र TAX का बोझ कम होता है। आइए वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए उपलब्ध कुछ आवश्यक कटौतियों (DEDUCTION) और छूटों (EXEMPTION) के बारे में जानें।

धारा 80C कटौती (Section 80C Deductions)

आयकर अधिनियम की धारा 80C निर्दिष्ट वित्तीय साधनों में किए गए निवेश पर कटौती प्रदान करती है, जो अधिकतम 1.5 लाख रुपये की सीमा के अधीन है। धारा 80C के तहत कुछ लोकप्रिय विकल्पों में शामिल हैं:

जीवन बीमा प्रीमियम (Life Insurance Premiums)

जीवन बीमा पॉलिसी के लिए प्रीमियम का भुगतान न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि धारा 80C के तहत कटौती के लिए भी योग्य है। यह न केवल आपके भविष्य को सुरक्षित करता है बल्कि आपको टैक्स बचाने में भी मदद करता है।

कर्मचारी भविष्य निधि EPF (Employee Provident Fund)

अपने वेतन के माध्यम से ईपीएफ में योगदान करने वाले कर्मचारी धारा 80C के तहत कटौती का लाभ उठा सकते हैं। ईपीएफ आपको कर बचाने में मदद करते हुए एक सुरक्षित और कर-कुशल निवेश मार्ग प्रदान करता है।

सार्वजनिक भविष्य निधि PPF(Public Provident Fund)

पीपीएफ खाते में किए गए निवेश धारा 80C के तहत कटौती के लिए पात्र हैं। पीपीएफ एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है और इसमें लंबी अवधि का निवेश क्षितिज है, जो इसे कर-बचत उद्देश्यों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है।

राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र NSC (National Savings Certificates)

एनएससी में निवेश पर धारा 80C के तहत कटौती का दावा किया जा सकता है। NSC एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करता है और इसकी परिपक्वता अवधि पाँच वर्ष है, जो स्थिरता और कर लाभ दोनों प्रदान करता है।

इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम ELSS (Equity-Linked Saving Scheme)

ईएलएसएस एक टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड है जो धारा 80C के तहत कटौती प्रदान करता है। यह उच्च रिटर्न की क्षमता प्रदान करता है और तीन साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है, जिससे यह कर-बचत निवेश के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है।

धारा 80D कटौती (Section 80D Deduction):

धारा 80D स्वयं, परिवार और माता-पिता के लिए भुगतान किए गए चिकित्सा बीमा प्रीमियम(medical insurance premiums) पर कटौती की अनुमति देता है। इसके अतिरिक्त, यह निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए किए गए खर्चों पर कटौती भी प्रदान करता है।

चिकित्सा बीमा प्रीमियम (Medical Insurance Premiums)

स्वयं, परिवार और माता-पिता के लिए चिकित्सा बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम धारा 80Dके तहत कटौती के लिए पात्र है। यह व्यक्तियों को अपनी TAX LIABLITY को कम करते हुए अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

स्वास्थ्य जांच व्यय (Health Check-up Expenses)

निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए किए गए खर्च को भी धारा 80डी के तहत कटौती के रूप में दावा किया जा सकता है। यह सक्रिय स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देता है और लोगों को नियमित स्वास्थ्य जांच से गुजरने के लिए प्रोत्साहित करता है।

धारा 24B कटौती(Section 24(b) Deductions):

आयकर अधिनियम की धारा 24 (B) होम लोन पर भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती की अनुमति देती है। यह व्यक्तियों को आवास ऋण से जुड़े कर के बोझ को कम करने में मदद करता है।

गृह ऋण ब्याज (Home Loan Interest)

धारा 24(B) के तहत गृह ऋण पर भुगतान किया गया ब्याज कटौती के लिए पात्र है। यह कटौती कुछ शर्तों के अधीन स्व-अधिकृत और किराए पर दी गई संपत्तियों दोनों के लिए उपलब्ध है।

अन्य कटौती और छूट (Other Deductions and Exemptions)

ऊपर उल्लिखित कटौतियों (DEDUCTINS) के अलावा, आयकर अधिनियम में कई अन्य प्रावधान हैं जो कटौती और छूट प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:

हाउस रेंट अलाउंस (HRA)

किराए के आवास में रहने वाले कर्मचारी अपने वेतन के हिस्से के रूप में प्राप्त मकान किराया भत्ते पर कटौती का दावा कर सकते हैं। वास्तविक कटौती वेतन और किराए के भुगतान सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।

यात्रा भत्ता (LTA)

कर्मचारी अपने नियोक्ता द्वारा निर्दिष्ट ब्लॉक अवधि के दौरान घरेलू यात्रा के लिए किए गए खर्चों पर छूट का दावा कर सकते हैं। छूट कुछ शर्तों और सीमाओं के अधीन है।

शिक्षा ऋण ब्याज (Education Loan Interest)

HIGHER EDUCATION के लिए लिए गए शिक्षा ऋण पर चुकाया गया ब्याज धारा 80E के तहत कटौती के लिए पात्र है। यह कटौती ऋण चुकौती की शुरुआत से निर्दिष्ट वर्षों के लिए CLAIM की जा सकती है।

धर्मार्थ संगठनों को दान (Donations to Charitable Organizations)

पंजीकृत धर्मार्थ संगठनों और निर्दिष्ट निधियों (specified funds) को किए गए दान धारा 80G के तहत कटौती के लिए पात्र हैं। यह व्यक्तियों को उनकी कर देयता को कम करते हुए सामाजिक कारणों में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

निवेश के माध्यम से कर योजना का अनुकूलन करें (Optimize Tax Planning through Investments)

कटौती और छूट का उपयोग करने के अलावा, निवेश के माध्यम से प्रभावी कर योजना से व्यक्तियों को आयकर बचाने में मदद मिल सकती है।

यहां कुछ निवेश विकल्प दिए गए हैं जो कर लाभ प्रदान करते हैं: कर-बचत सावधि जमा FD(Tax-Saving Fixed Deposits)

कई बैंक और वित्तीय संस्थान कर-बचत सावधि जमा की पेशकश करते हैं जो धारा 80 सी के तहत कटौती प्रदान करते हैं। इन FIXED DIPOSITE में पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है और गारंटीड रिटर्न की पेशकश करते हैं।

राष्ट्रीय पेंशन योजना NPS (National Pension Scheme)

NPS एक सरकार समर्थित सेवानिवृत्ति बचत योजना है जो धारा 80CCD(1) और धारा 80CCD(2) के तहत कर लाभ प्रदान करती है। यह व्यक्तियों को करों पर बचत करते हुए अपनी सेवानिवृत्ति के लिए कोष जमा करने का अवसर प्रदान करता है।

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान ULIPs (Unit Linked Insurance Plans)

ULIPs निवेश-सह-बीमा उत्पाद हैं जो दोहरे लाभ प्रदान करते हैं। वे उच्च रिटर्न की संभावना के साथ जीवन बीमा कवरेज प्रदान करते हैं। ULIPs के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम धारा 80C के तहत कटौती के लिए पात्र हैं।

कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना ESOP (Employee Stock Ownership Plan)

कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को ESOP की पेशकश करती हैं, जिससे उन्हें रियायती मूल्य पर कंपनी के शेयर खरीदने की अनुमति मिलती है। ESOP से प्राप्त लाभ कुछ शर्तों के अधीन कर छूट के पात्र हो सकते हैं।

स्वैच्छिक भविष्य निधि VPF (Voluntary Provident Fund)

VPF, EPF का एक विस्तार है, जहाँ कर्मचारी अपने वेतन से अपने भविष्य निधि खाते में अतिरिक्त राशि का योगदान कर सकते हैं। ये योगदान धारा 80C के तहत कटौती के योग्य हैं।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना (Filing Income Tax Returns):

एक बार सभी कटौतियों और छूटों का उपयोग हो जाने के बाद, सही और समय पर INCOME TAX RETURN FILE करना महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदुओं पर विचार किया गया है:

ई-फाइलिंग प्रक्रिया (E-filing Process)

INCOME TAX DEPARTMENT व्यक्तियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपना INCOME TAX RETURN FILE करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह ई-फाइलिंग के लिए उपलब्ध विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ फाइलिंग का एक सुविधाजनक और समय बचाने वाला तरीका प्रदान करता है।

इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म (Income Tax Return Forms)

इनकम के टाइप और नेचर के आधार पर अलग-अलग इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म होते हैं। आय और कटौतियों की सटीक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तियों को अपना कर रिटर्न दाखिल करने के लिए उपयुक्त फॉर्म का चयन करना चाहिए।

देय तिथियां और देर से फाइलिंग पेनल्टी (Due Dates and Late Filing Penalties)

INCOME TAX RETURN FILE करने की नियत तारीखों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर फाइल करने में विफल रहने पर जुर्माना लगाया जा सकता है। इसलिए, व्यक्तियों को किसी भी वित्तीय प्रभाव से बचने के लिए समय सीमा का पालन करना चाहिए।

एक कर सलाहकार या चार्टर्ड एकाउंटेंट को किराए पर लेना(Hiring a Tax Consultant or Chartered Accountant)

INCOME TAX कानूनों की जटिलताओं के माध्यम से नेविगेट करना कई व्यक्तियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे मामलों में टैक्स सलाहकार या चार्टर्ड एकाउंटेंट से मदद लेना फायदेमंद हो सकता है।

विशेषज्ञ चुनते समय विचार करने के लिए यहां कुछ बिंदु दिए गए हैं:

व्यावसायिक सहायता के लाभ(Benefits of Professional Assistance) एक कर सलाहकार या एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को कर कानूनों का गहन ज्ञान होता है और वह मूल्यवान अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। वे व्यक्तियों को उनकी कर नियोजन रणनीतियों को अनुकूलित करने और प्रासंगिक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं।

विशेषज्ञ चुनते समय विचार करने के लिए कारक(Factors to Consider when Choosing an Expert) कर सलाहकार या चार्टर्ड एकाउंटेंट का चयन करते समय, व्यक्तियों को उनकी विशेषज्ञता, अनुभव, प्रतिष्ठा और फीस जैसे कारकों पर विचार करना चाहिए। ऐसे पेशेवर को चुनना आवश्यक है जो कर मामलों में अच्छी तरह से वाकिफ हो और व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर व्यक्तिगत सलाह प्रदान कर सके।

निष्कर्ष (Conclusion):

भारत में आयकर बचाने के लिए कर कानूनों, कटौती, छूट और उपलब्ध निवेश विकल्पों की व्यापक समझ की आवश्यकता होती है। आयकर अधिनियम द्वारा प्रदान किए गए प्रावधानों का लाभ उठाकर, व्यक्ति अपनी कर देनदारी को काफी कम कर सकते हैं और प्रभावी रूप से अपने वित्त की योजना बना सकते हैं। नवीनतम कर विनियमों से अवगत रहना और आवश्यकता पड़ने पर पेशेवरों से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। सक्रिय कर-बचत रणनीतियों को अपनाकर, व्यक्ति कर कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQS)

Q1: क्या मैं अपने माता-पिता के इलाज पर हुए खर्च के लिए DEDUCTION का CLAIM कर सकता हूं?

हाँ, आप धारा 80D के तहत निर्दिष्ट सीमा और शर्तों के अधीन अपने माता-पिता पर किए गए चिकित्सा व्यय के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं।

Q2: यदि मेरी आय कर योग्य सीमा से कम है तो क्या आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है?

यदि आपकी आय कर योग्य सीमा से कम है, तो आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य नहीं हो सकता है, लेकिन ऐसा करना उचित है। रिटर्न दाखिल करने से आपकी आय का इतिहास स्थापित करने में मदद मिल सकती है और यह भविष्य में विभिन्न वित्तीय लेनदेन के लिए उपयोगी हो सकता है।

Q3: क्या मैं अपने बच्चे की शिक्षा के लिए भुगतान की गई ट्यूशन फीस के लिए DEDUCTIONS का CLAIM कर सकता हूं?

हां, आपके बच्चे की शिक्षा के लिए भुगतान की गई ट्यूशन फीस पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती के रूप में CLAIM किया जा सकता है, जो निर्दिष्ट सीमाओं के अधीन है।

Q4: मैं अपने आयकर रिफंड की स्थिति की जांच कैसे कर सकता हूं?

आप आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए अपने इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। वेबसाइट रिफंड की स्थिति पर नज़र रखने के लिए एक समर्पित पोर्टल प्रदान करती है।

Q5: क्या वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई अतिरिक्त कटौती उपलब्ध है?

हां, वरिष्ठ नागरिक आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं, जैसे धारा 80D और धारा 80TTB के तहत अतिरिक्त कटौती के पात्र हैं। ये कटौती विशेष रूप से वरिष्ठों की जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं

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